影片轉錄
अच्छा की हल्की बूंदें खिड़की से तक्रा रही थी
और आकाश में घने बादल च्छाए हुए थे।
शीतल, 26 साल की एक पेशेवर, लेखी का, अपने कमरे में बैठी थी.
उसकी टेबल पर कागजों और किताबों का धेर था.
वह अपनी नई किताब पर काम कर रही थी, लेकिन आज उसका मन कहीं और था.